काबिल विरोधी चुनिए......
ऐसा लगता है कि सफलता का सर्वोच्च स्थान पाने के बाद उससे बड़ा कोई उद्देश्य नहीं रह जाता ....अपने जीवन में आशा और भावना के बीच एक संतुलन लाना आवश्यक है और इसके लिए आपको अपने हर लक्ष्य की ऊँचाई को पिछली बार से बढ़ाना पड़ेगा ।
एक मंजिल को हासिल करने के तुरंत बाद दूसरा ऊँचा लक्ष्य निर्धारित करे....लक्ष्य निर्धारित किया गया वही आपको व्यस्त रखेगा वयस्त तभी रह सकते हो जब आपके सामने कोई ज्यादा काबिल विरोधी हो।कई सालों में मैंने सीखा है कि जब मैंने अपने काबिल विरोधीयो के सामने होती तो मैं अपने ज्ञान का सबसे बढ़िया प्रदर्शन करती थी।वे बुद्धिमान और उच्च कोटि के लोग जो असाधारण रूप से अपने विषय मे केंद्रित थे उन्होंने मुझे प्रेरित किया की मैं अपने विषय पर पकड़ बनाऊ और प्रभावशाली बन सकूँ ।मेरे सबसे काबिल प्रतिवादियो ने मुझे अपने आप से सर्वोच्च स्तर का प्रदर्शन करने के लिए बाध्य किया और मुझे पहले से भी बेहतर बना दिया ।
अनिवार्य लक्ष्य आपके विशेष गुणों के लिए एक रास्ता खोल देते हैं ।याद रखिए हीरे को तराशने के लिए भी दबाव की आवश्यकता होती हैं .......अतः यह निर्धारित कीजिए की आपके लक्ष्य आपके लायक है तथा यह भी निश्चित करिए कि आपके लक्ष्य में चुनौतियाँ सम्मिलित हो......सिर्फ इतनी सी बात है ....जीवन में आपका विरोधी यकीनन काबिल होना चाहिए ......श्रेष्ठता को विरोधी चुनिए......
डॉ प्रियदर्शिनी अग्निहोत्री
No comments:
Post a Comment