Sunday, July 19, 2020

ज्ञान आपको शक्ति देगा लेकिन चरित्र सम्मान देगा

ज्ञान  आपको शक्ति देगा लेकिन चरित्र सम्मान देगा। आप बड़े से बड़ा पद अपने प्रभाव से ,धन के द्वारा या अपनी योग्यता से प्राप्त कर सकते हैं .... पर जरूरी नहीं है कि पद के अनुरूप आपके हिस्से में सरलता ,सहजता कर्तव्य,  जिम्मेदारी की भावना और जवाब देही आए ।

हर दिन बुरा नहीं होता और हर दिन अच्छा भी नहीं होता ।जीवन के अनुभव से यह कहा जा सकता है की आपका अनुभव बुरे दिन से निकालता है और भविष्य के निर्णय करवाता है ।जीवन के उतार चढ़ाव के अनुभवों से ही व्यक्तित्व बनता है । आपके विचार ही आपकी समृद्धि का जरिया है ।बहुत से लोग बहुत सी चीजों के लिए प्रयास करते हैं ।इससे प्रतिस्पर्धा पैदा होती है । लेकिन मुझे लगता है प्रतिस्पर्धी ना बन कर सृजनात्मक और रचनाशील बनो ।अगर आप सिर्फ प्रतिस्पर्धा की भावना से काम करेंगे तो उपलब्धियाँ ना तो कोई खुशी दे पायगी और ना ही उनका कोई भी जीवन मूल्य होगा ।आप रचनात्मक तभी हो सकते हैं जब आप कृतज्ञता का भाव रखें ।क्योंकि यही भाव आपको प्रतिस्पर्धा  से बाहर निकालता है।जब तक आप आलोचनात्मक रवैया रखेंगे अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में संघर्ष की स्थिति में रहेंगे । कृतज्ञता आपको  सरलता और सहजता  और सकारात्मक ऊर्जा देती है । श्रेष्ठता देती हैं । तो श्रेष्ठ बनिए। श्रेष्ठता और अच्छा तथा चरित्रवान होने के लिए देवताओ को भी पसीना बहाना पड़ता हैं ।
इसलिए कहा है.......ज्ञान आपको शक्ति देगा लेकिन चरित्र सम्मान देगा। मुझे शक्ति  से ज्यादा सम्मान की अभिलाषा ......


डॉ प्रियदर्शिनी अग्निहोत्री

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