Sunday, July 19, 2020

सब अच्छा हो जाएगा

सब अच्छा हो जाएगा

तुम्हें गले लगा कर
तुम्हारी ही शिकायत
करने को जी चाहता
उलझन क्या बताऊँ
तुम्हें अपने मन की
मन के उलझे धागों की
कुछअनकही अनसुनी
 दास्ताँसुलझती है
 सिर्फ तुमसे ही
एक माला में गुथें तुम हम
हम बिखरे तो 
बिखर तुम जाओगे
मैं हूँ आँसू तेरे नयनों का
जब जी चाहें देना बहा
एक शब्द हूँ तुम्हारी कहानी का
न याद रखो तो देना भुला
पर तुमसे बच कर जाऊँ कहाँ
मेरी यादों  की दहलीज पर
तेरी नजरों का पहरा घना
सौदा कुछ ऐसा
तेरे सपने मेरी निदिंया में
सिर्फ तुम ही सपनों में आओगे 
मेरी मुश्किलों में
 सबसे बड़ासहारा 
बन के छा जाओगे
मुस्कुरा कर धीरे से
मेरे कानों में कहोगे
सब ठीक हो जाएगा
सब अच्छा हो जाएगा।।

डाॅ प्रियदर्शिनी अग्निहोत्री

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