राही बनना ही तोहीरा बनना है स्वयं राही शब्द हीविलोम बन ये कह रहातप की अग्नि में तन मन को तपा जला कर राख में बदलना होगा तो ही चेतना आत्मा काजीवन दर्शन खरा होगा स्वयं राख शब्द हीविलोम बन ये कह रहा.....
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