Saturday, June 06, 2020

शब्द

शब्द 

असंभव भी संभव बन जाए 
शब्दों मे शक्ति छिपी महान 
शब्दों से होता प्रलय आघात 
शब्दों से होता शक्ति निपात 
शब्दों से होता वज्राघात 
शब्दों से ही बहता सुधाप्रवाह 
शब्दों से बनता संवाद 
शब्दों से रिश्ते बने 
शब्दों से ही रिश्तो मे 
हो   जाता   प्रवास  
शब्द ही अवसाद लाते 
शब्द ही आशा जगाते 
शब्द ही सृजन करते 
शब्द ही रचते इतिहास 
शब्द ही बंधन हैं देते 
शब्द ही स्वतंत्रता लाते 
हर शब्द निज शब्द को काटे 
शब्द ध्वनि भी लड़े प्रतिध्वनि से 
           और 
संभव भी असम्भव कर दे शब्द 
संभव भी असम्भव कर दे शब्द !!

डॉ प्रियदर्शिनी अग्निहोत्री

11 comments:

  1. Nice Beautiful lines meaningful

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  2. Real power of ward very meaningful poettry keep it up congrets you

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  3. छुपी हैं अनगिनत गहराईयां शब्दों के दामन में
    पढती हैं कविताओं की ये किताब आहिस्ता आहिस्ता

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