Saturday, June 06, 2020

शब्द -शब्द और शब्द

शब्द -शब्द और शब्द

शब्द -शब्द और शब्द 
तनाव चित्त में भरते 
विचार -विचार और विचार 
मन की शांति हरते 
मौन विश्राम मन का ...
मौन चित्त दर्पण का 
जिसमें प्रतिबिम्बत सत्य 
सत्य अज्ञात ज्ञात से मुक्त 
यही है शिव सुंदर 
जीवन की धारा 
व्यर्थता का मरूस्थल 
देती तृष्णा की पाषाण प्रतिमा 
को स्थूल आकार 
आनंद पूर्णता का 
तन मन का अर्द्धदान 
आधार जीवन का चेतना 
प्रेम पूर्णता में परमात्मा 
मोक्ष रोध श्वास का 
स्मरण विस्मरण हो
शब्दों की शून्यता 
शब्द विचार का संधान हो
चित्त की मुक्ति दन्द से त्राण हो 
प्राण का देह से निवार्ण हो 
निवार्ण हो देह से 
देह से निर्वाण हो।। 
Dr priyadarshini agnihotrihttp://priyaagnihotri.blogspot.com/2014/09/blog-post_6.html

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