घर की लाइब्रेरी से ...जीवन के हर मोड़ पर कहीं उम्मीद की है धूपकहीं अनजान कोहरे सी शामकहीं है भीगी भीगी सीरात की खामोश तन्हाईडाॅ प्रियदर्शिनी अग्निहोत्री
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