Thursday, June 04, 2020

सब्र

थमते थमते थमेंगे आंसू
रोना है कोई हँसी नहीं
अजीब मोड़ है यह
रोज बदलती मेरी कलम 
लिखने का रूख अपना
पर नाज मुझे फिर भी
   सब्र पर अपने है ।।

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