Tuesday, June 02, 2020

अनछुआ

अनछुआ

बहुत कुछ अनकहा सा
बहुत कुछ   कहा
  कुछ फिर भी बाकी रहा
ना कह कर भी बहुत 
कहने की कोशिश
बहुत कुछ अनचाहा कहा
सब कुछ मनचाहा ही सुना
सुनो ना कुछ अनकहा
जो कभी कह ना पाऊं...............कुछ अनछुआ सा .......

डाॅ प्रियदर्शिनी अग्निहोत्री

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