मन मधुबन में होया हो मरूस्थल मेंअनुशासन में होना चाहिएधूप की तपन मे भीसुख भरी गरमाहट का अनुभव होना चाहिएपैर में चुभे लाख शूलसिर पर सुमन की छांह सासुकून का अहसास होना चाहिए ।।डाॅ प्रियदर्शिनी अग्निहोत्री
No comments:
Post a Comment