Tuesday, June 02, 2020

बनावट के दौर

बनावट के दौर

वर्तमान दौर के बनावट के
मकान और जिन्दगी के
फलसफे भी कुछ और है
ईट से ईट जुड़े तों
तारीफ उस जुड़ाव की
लेकिन ये जुड़ाव
रास्ते नहीं दीवार बनाए
दीवार आशियाना बन
आसरा दे जिन्दगी को
दीवार से राह दरवाजे की निकले
पर वक्त ने क्या कुछ नहीं बदला
भूमिकाए बदलते नजरिए जाते बदल
कभी दीवार की वजह से ईट गलत
कभी छत की वजह से दीवार सही
वक्त ने कभी दीवारे ऊंची की
कभी नजर दरवाजो को लगाई
बँटवारे के दोष से दीवारे मुक्त
दूरीयो के दोष से राहे आजाद
मंजिले अनेक तो अनगिनत  सीढ़ियाँ
मकान,जिन्दगी और इंसान
साथ साथ जीने के लिए
लिए उधार के अन्दाज
लिए गफलतो के दौर ।।

डाॅ प्रियदर्शिनी अग्निहोत्री

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