Saturday, June 06, 2020

उत्तरी भारत के विशाल मैदान का महत्व

उत्तरी भारत के विशाल मैदान का महत्व-राजस्थान से असम तक फैला उत्तरी भारत का विशाल मैदान देश के लगभग एक-चौथाई क्षेत्रफल को घेरे हुए है। इस मैदान में भारत की 45 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।


1. उपजाऊपन-यह मैदान हिमालय से निकलने वाली सिंधु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र तथा उनकी सहायक नदियों द्वारा निक्षेपित मुलायम, काँप मिट्टी द्वारा बना है जो बहुत ही उपजाऊ है। अतः यह कृषि के लिए बहुत ही उपयोगी मैदान है। भारत के अधिकांश खाद्यान्न यहीं पर पैदा किए जाते हैं। इस कारण इसे भारत का खाद्यान्न भण्डार (Granary of India) कहते हैं।


2. इस भाग में प्रवाहित नदियों की ढाल प्रवणता अधिक नहीं होने के कारण नौकावहन योग्य है, इसी कारण राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण ने गंगा-भागीरथी हुगली तत्रक इलाहाबाद से हल्दिया तक के 1620 किमी. लम्बे जलमार्ग को देश का प्रथम राष्ट्राय जलमार्ग घोषित किया है।

3. इस मैदान की नदियाँ जल से पूरे वर्ष भर प्रवाहित रहती हैं। इस कारण यह नदिया निश्चित मात्रा में पूरे वर्ष भर सिंचाई व पीने के लिए पानी प्रदान करती है।इन नदियों की इस विशेषता के कारण यहाँ पर नहरों का जाल बिछ गया है।
4. उद्योग-यहाँ औद्योगिक विकास के लिए पर्याप्त सुविधाएँ उपलब्ध हैं। अतः यहाँ पर कई औद्योगिक केन्द्र स्थापित हो गए हैं। अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, अम्बाला, दिल्ली, मोदी नगर, मेरठ, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, बरेली, आगरा,इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, कोलकाता आदि जैसे अनेक औद्योगिक नगर यहाँ पर विकसित हो गए हैं।
4. यह मैदान सभ्यता की जन्म-भूमि रहा है। भारतीय इतिहास में इसके राजनीतिक और सांस्कृतिक महत्त्व का विस्तृत वर्णन मिलता है। यह तीर्थ स्थानों की जन्म भूमि है। यहाँ पर मथुरा, काशी, प्रयाग, हरिद्वार, पटना, गया, कुरुक्षेत्र,वृन्दावन जेसे तीर्थ धाम स्थित हैं। नदियों ने लोगों की धार्मिक व सांस्कृतिक भावनाओं पर प्रभाव डाला है।
5. व्यापार-उत्तरी भारत के विशाल मैदान में जनसंख्या का भारी सान्द्रण हुआ है। ऐसे प्रदेशों में व्यापार फलता-फूलता है क्योंकि अधिक जनसंख्या हज़ारों प्रकार की वस्तुओं की माँग करती है।
6. खनिज-इस मैदान में खनिजों का पूर्णतः अभाव है। परन्तु पिछले कुछ वर्षों में इस मैदान की अवसादी चट्टानों में खनिज तेल मिलने के संकेत मिले हैं। असम, पश्चिम बंगाल, बिहार उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा पश्चिमी राजस्थान में तेल मिलने की सम्भावनाएँ हैं।
संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि यह मैदान भारत की आत्मा है। यह देश का सबसे सघन व उन्नत भू-भाग है। भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने में इसका बहुत बड़ा हाथ है। यह कृषि, व्यापार, उद्योग तथा यातायात की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

No comments:

Post a Comment