हैरत से तक रहा जमाना ......जितने विचार उतने प्रचार तुच्छ स्वार्थ सिध्दी के लिएकुछ व्यर्थ प्रसिद्धि के लिए कुछ इस दुर्बुध्दि के लिए ।
No comments:
Post a Comment