कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है.........कहने को बहुत कुछ पर खामोशी थीजिसमें मुस्कुराहटो के कर्ज ही बाकी थेआजाद तुम ना आजाद मैं ख्यालों सेपरेशां रात सारी थी परेशां रात सारी थी ।।डॉ प्रियदर्शिनी अग्निहोत्री
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