तुमको जब जब मैंने देखा
सोचा पागल जीवन होगा .............
तुम्हारे लिए सृष्टि का
कोई भी उपहार बहुत कम
कभी कभी मैं सोचा करता
अम्बर से चन्दा को ला दूं
प्रिया तुम्हारे स्वर्ण रूप को
नयी ज्योत्स्ना से नहला दूॅ
किन्तु तुम्हारे सम्मुख सचमुच
पूनम का संसार बहुत कम है
किन्तु मुझे विश्वास तुम्हारा
नहीं हमारा प्यार बहुत कम
प्रिया तुम्हारे लिए सृष्टि का
कोई भी उपहार बहुत कम.........
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