Thursday, June 04, 2020

थके सूरज

कभी कभी मैं सोचा करती 
कुछ पल ऐसे जीवन के 
शायद बीते अम्बर की
 नीरवता   से ..........
कुछ पल बीते ऐसे भी 
लगते सागर की गहराई से 
कभी कभी मैं सोचा करती ......
     जीवन के 
उगते सूरज की लाली लिखू
या गोधूलि के थके सूरज की 
कहानी लिखू .................

No comments:

Post a Comment