असंभव भी संभव बन जाए
शब्दों मे शक्ति छिपी महान
शब्दों से होता प्रलय आघात
शब्दों से होता शक्ति निपात
शब्दों से होता वज्राघात
शब्दों से ही बहता सुधाप्रवाह
शब्दों से बनता संवाद
शब्दों से रिश्ते बने
शब्दों से ही रिश्तो मे
हो जाता प्रवास
शब्द ही अवसाद लाते
शब्द ही आशा जगाते
शब्द ही सृजन करते
शब्द ही रचते इतिहास
शब्द ही बंधन हैं देते
शब्द ही स्वतंत्रता लाते
हर शब्द निज शब्द को काटे
शब्द ध्वनि भी लड़े प्रतिध्वनि से
और
संभव भी असम्भव कर दे शब्द
संभव भी असम्भव कर दे शब्द !!
डॉ प्रियदर्शिनी अग्निहोत्री
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