चाहती हूँ एक नया ही संसारजहाँ न कोई हो सपनों का पहरेदारचाहती हूँ अपने नभ का असीम विस्तारजिसमें बसता हो मेरे विश्वास का संसारजीवन के स्मृति पटल परमैं गुंथु चटख रंगों की मालाजग भले स्याह अमावस सा रहेपर मै पूनम का चांद का बनू
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